वक्त भले ही तेजी से बदल रहा हो, लेकिन आज भी बेटियों के मुकाबले बेटों को ही अधिक महत्व दिया जाता है।
भारत में भ्रूण के लिंग जाचं पर सख्ती के बाद अब लोग नेपाल की ओर रुख कर रहे हैं। भूण लिंग की जांच को इन दिनों नेपाल, भारतीय नागरिकों के लिए लिंग जांच का केंद्र बना हुआ है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के साथ ही अन्य जिलों से रोजाना नेपाल के विभिन्न शहरों में कई लोग लिंग जांच को पहुंच रहे हैं। महज 10 हजार रुपये में गर्भवतियां का लिंग परीक्षण हो रहा है। लिंग परीक्षण कराने वाले वह लोग हैं, जिनकी पहली दो या दो से अधिक संतान बेटियां हैं।
सीमांत के लोगों के लिए सबसे नजदीक झूलाघाट से महज 22 किमी दूरी पर बैतड़ी बसा हुआ है। इससे अधिकतर लोग यहां ही गर्भवतियों की जांच करा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों एक व्यक्ति पत्नी के गर्भवती होने पर वह लिंग जांच को नेपाल बैतड़ी पहुंचा।
बगैर किसी दस्तावेज के नेपाल में हो जाती है जांच
भारत में जहां अल्ट्रासाउंड के लिए शासन-प्रशासन ने आधार कार्ड अनिवार्य किया है, वहीं नेपाल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यानि की बगैर किसी दस्तावेज के कोई भी अस्पताल जाकर अपनी जांच करा सकता है।
नेपाल के बैतड़ी के अलावा कई शहरों में लिंग परीक्षण किया जाता है। सीमांत से भी लोग लिंग जांच के लिए नेपाल जा रहे हैं। लोगों से ऐसा न करने की अपील की जा रही है।
हेमा कापड़ी, अधीक्षिका बालिका गृह कार्ड संस्था पिथौरागढ़।
भारत से बीते कुछ समय से कई लोग स्वास्थ्य जांच कराने के बहाने यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां वह लिंग परीक्षण करवा रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
मोहन सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता बैतड़ी नेपाल