इंडिया गठबंधन को हाल के दिनों में कई झटके लगे। हालांकि अब राहत की खबरें भी सामने आने लगी हैं।
हाल ही में अखिलेश यादव की पार्टी सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर समझौता हुआ। इसके बाद राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने के लिए उद्धव ठाकरे से बाच की है। दोनों के बीच फोन पर लंबी बात हुई है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं। एनडीए और इंडिया दोनों के लिए महाराष्ट्र काफी महत्वपूर्ण है।
शायद यही कारण है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच राहुल गांधी ने शिवसेना (यूबीटी) नेता से करीब एक घंटे तक बात की।
मुंबई की चार सीटों पर अड़ी कांग्रेस
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से तीन (मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम) सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
वहीं, उद्धव ठाकरे राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनका दावा मुंबई की चार सीटों (मुंबई साउथ, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट और मुंबई साउथ सेंट्रल) पर भी है।
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना मुंबई को अपना गढ़ मानती है, हालांकि शिवसेना में विभाजन के बाद की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है।
इन 8 सीटों पर फंसा पेच
उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी (शरद पवार) और कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान जारी है।
सूत्रों के मुताबिक, 40 सीटों पर वार्ता पूरी हो चुकी है। हालांकि, आठ सीटों पर पेच फंसा हुआ है। आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी थी। उसमें 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
टूटे सभी बारी-बारी
महाराष्ट्र में हाल के कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण सियासी घटनाएं देखने को मिली हैं। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना का विभाजन हो गया। इसके बाद शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने भी बगावत कर दी और सरकार में शामिल हो गई। अब एनसीपी पर उनकी दावेदारी भी वैध मान ली गई है।
वहीं, महाराष्ट्र में कांग्रेस को भी दो बड़ा झटका लगा। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और मिलिंद देवड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस सबके बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत में देरी होती गई।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में हाल के दिनों में हुए भगदड़ के बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी मुंबई की सीटों पर बड़ी हिस्सेदारी चाहती है। हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा है कि उद्धव ठाकरे, शरद पवार, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सभी इसे अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।