Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    News India 360
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    News India 360
    विदेश

    कंबोडिया में बाघों को दोबारा बसाने के लिए भारत कर रहा मदद…

    By February 20, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    कंबोडिया में बाघों को दोबारा बसाने के लिए भारत कर रहा मदद…
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    कंबोडिया अपने यहां बाघों की आबादी बढ़ाने के लिए भारत से चार बाघों को लाने की कोशिश में जुटा है.पिछले साल भारत ने कंबोडिया के साथ एक समझौता किया था. इस समझौते के तहत भारत ने कंबोडिया में अपने बाघों को भेजने को लेकर वहां की तकनीक और तैयारियों पर अपना ध्यान देना शुरू कर दिया है.

    इसी समझौते के तहत कंबोडिया को उम्मीद है कि उसे भारत से चार बाघ आयात करने में मदद मिलेगी. इसका उद्देश्य कंबोडिया में बाघों की आबादी को पुनर्जीवित करना है.

    कंबोडिया के सूखे जंगल कभी बड़ी संख्या में इंडोचाइनीज बाघों का घर हुआ करते थे, लेकिन संरक्षणवादियों का कहना है कि बाघों और उनके शिकार के बड़े पैमाने पर अवैध शिकार ने उनकी संख्या को नष्ट कर दिया है.

    कंबोडिया में बाघ को आखिरी बार 2007 में एक कैमरा ट्रैप से देखा गया था और सरकार ने 2016 में कंबोडिया में बाघों को विलुप्त घोषित कर दिया था.

    कंबोडिया के पर्यावरण मंत्रालय के प्रवक्ता ख्वे अतित्या ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि एक नर और तीन मादा 2024 के अंत में कंबोडिया पहुंच सकते हैं” उन्होंने कहा कि बाघों को जंगल में छोड़े जाने से पहले उन्हें वातावरण के लिए अनुकूल बनाने के लिए पश्चिमी कोह कांग प्रांत में टाटाई वन्यजीव अभयारण्य के अंदर 90 हेक्टेयर के जंगल में भेजा जाएगा. उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि भारत से किस प्रकार के बाघ को लाया जाएगा.

    बाघों को लेकर कैसी है तैयारी अतित्या ने कहा कि अधिकारियों ने इस सप्ताह वन्यजीवों, विशेषकर हिरण और सूअर जैसे बाघों के शिकार वाले जानवरों की निगरानी के लिए कार्डामॉम पर्वत के रिजर्व में एक किलोमीटर के अंतराल पर 400 से अधिक कैमरे लगाने का काम शुरू किया.

    उन्होंने कहा कैमरों से मिली जानकारी “बाघों के प्रजनन में मदद करेगी” उन्होंने बताया कि अगर परियोजना सुचारू रूप से चलती है तो अगले पांच सालों में बारह और बाघों का आयात किया जाएगा.

    कंबोडिया में बाघ कैसे विलुप्त हो गए जंगलों की कटाई और अवैध शिकार ने पूरे एशिया में बाघों की संख्या को करीब-करीब खत्म कर दिया है. कंबोडिया में लगातार हो रहे विकास के कारण कई जंगल काट दिए गए और रिहाइश इतनी बढ़ने लगी कि बाघों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा. इस कारण उन्हें छोटे निवास स्थलों में अपना गुजारा करना पड़ा जिससे उनकी सेहत और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ा.

    जैसे-जैसे जंगल कम होते गए कंबोडिया से बाघ भी गायब होते चले गए. एशियाई देश कंबोडिया, लाओस और वियतनाम सभी ने बाघों की अपनी मूल आबादी खो दी है, जबकि माना जाता है कि म्यांमार के जंगलों में केवल 23 बाघ बचे हैं. कंबोडिया और भारत ने 2022 में बाघों और उनके आवासों को बहाल करने पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

    भारत में बड़े पैमाने पर संरक्षण अभियान के बाद पिछले साल जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बाघों की आबादी 3,600 से अधिक होने का अनुमान लगाया गया था.

    भारत में 2018 में बाघों की संख्या 2,967 थी. पिछले चार सालों में करीब 24 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद भारत में दुनिया के 75 फीसदी बाघ रहते हैं. भारत में बाघों की स्थिति पर रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे अधिक (785) बाघ मध्य प्रदेश में हैं. इसके बाद कर्नाटक का नंबर है, जहां 2022 में बाघों की कुल संख्या 563 रही. भारत में चीतों को फिर बसाने पर सवाल भारत में बाघों की संख्या तो बढ़ी लेकिन चीतों को बसाने का काम उनकी मौतों के कारण सुर्खियों में रहा.

    मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में भारत चीतों को दोबारा बसाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन एक के बाद एक चीतों की मौत ने कई सवाल खड़े किए हैं. कूनो नेशनल पार्क में अब तक 10 चीतों की मौत हो चुकी है.

    भारत में देसी चीते 70 साल पहले विलुप्त हो चुके हैं लेकिन सरकार अपने बहुचर्चित प्रोजेक्ट चीता के जरिए मध्य प्रदेश में दोबारा चीतों को बसाने की मुहिम चला रही है.

    इसके लिए अफ्रीका से चीते लाए गए थे. 16 जनवरी को नामीबिया से आए एक और चीते “शौर्यन की मौत हो गई थी. कूनो नेशनल पार्क में अब तक सात चीतों और तीन शावकों की मौत हो चुकी है. कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने के इरादे से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे.

    लेकिन अलग-अलग कारणों से 10 चीतों की अब तक मौत हो चुकी है. भारत का चीता प्रॉजेक्ट दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है.

    अधिकारी हर साल 5 या 10 चीते लाकर उनकी संख्या को आने वाले सालों में 35 तक पहुंचाना चाहते हैं. रिपोर्ट: आमिर अंसारी.

    Related Posts

    टैरिफ पर ट्रंप ने लिया यू-टर्न, स्मार्टफोन और लैपटॉप को टैरिफ से दी छूट

    April 13, 2025

    पूर्व पीएम किशिदा पर हमला करने वाले आरोपी ने हत्या के आरोप से किया इनकार

    February 4, 2025

    अमेरिका से 205 भारतीयों को मिलिट्री विमान से वापस भेजा गया, ट्रंप सरकार ने की सख्त कार्रवाई

    February 4, 2025

    ब्रिबी द्वीप में शार्क के हमले से महिला की मौत, तैरते समय आई गंभीर चोटें

    February 4, 2025

    अफ्रीका में शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग, हिंदू छात्र का कलावा काटने पर बवाल

    February 4, 2025

    ट्रंप का बड़ा यूटर्न, कनाडा के ट्रूडो से फोन पर बात कर टैरिफ में दी राहत

    February 4, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    अन्य ख़बरें

    SGFI का बड़ा फैसला: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने CBSE छात्रों को राज्य खेलों से किया बाहर

    June 8, 2025

    बोधघाट बांध और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग से बदलेगी बस्तर की तस्वीर

    June 8, 2025

    CG Crime: दिल दहला देने वाली वारदात: एक्स बॉयफ्रेंड ने युवती के सीने में मारा चाकू, समझाने पहुंचे परिजनों पर हमला, मां भी हुई घायल, आरोपी राहुल सारथी फरार….

    June 8, 2025

    CG NEWS- छत्तीसगढ़ का लोहा बना गर्व का प्रतीक: विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में छत्तीसगढ़ ने की 16 हजार टन लोहा-स्टील की सप्लाई…

    June 8, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी.

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Chhamesh Ram Sahu
    मोबाइल - 9131052524
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Swami Vivekanand Ward - Ward No.30 , Jagdalpur - 494001
    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    « May    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.