मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। सुरक्षाबलों के साथ झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से ज्यादा घायल हो गए।
चिराचांदपुर जिले में उपद्रवियों ने एसपी ऑफिस पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस को भी कार्रवाई करनी पड़ी। जानकारी के मुताबिक लगभग 400 प्रदर्शनकारियों ने एसपी कार्यालय को घेर लिया था।
वे सभी एक हेड कॉन्स्टेबल सियामलालपॉल की बहाली की मांग कर रहे थे। बता दें कि यह पूरा मामला एक सेल्फी से जुड़ा हुआ था।
एक सेल्फी की वजह से खड़ा हुआ विवाद
यह पूरा मामला एक सेल्फी से जुड़ा हुआ है। 14 फरवरी को हेड कॉन्स्टेबल का एक सेल्फी वीडियो सामने आया था जिसमें वह हथियारबंद लोगों के साथ दिखाई दे रहा था। ये कुकी उग्रवादी थे।
इसके बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए हेडकॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया। इसके बाद 15 फरवरी को देर रात करीब 400 की भीड़ ने एसपी कार्यालय को घेर लिया। उपद्रवियों ने कार्यालय पर पथराव किया औऱ आगजनी भी की।
प्रदर्शनकारियों के नियंत्रित करने के लिए रैपिट ऐक्शन फोर्स ने आंसू गैस के गोल दागे। गोली भी चली। इसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई।
बताया गया कि दोनें ही मृतक एसपी ऑफिस पर हमले में शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने एसपी कार्यालय के सामने कई वाहनों को आग लगा दी।
बता दें कि हेड कॉन्स्टेबल को निलंबित करते हुए पुलिस ने कहा था, अनुशासित पुलिस बल का सदस्य होने के नाते हेड कॉन्स्टेबल पर गंभीर कदाचार के आरोप हैं। पुलिस सियामलालपॉल के खिलाफ विभागीय जांच का विचार कर रही है।
बता दें कि मणिपुर मे कई जगह उपद्रवियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग की घटना सामने आई है। कुकियों का आरोप है कि पुलिस उनके गांव पर हमला करती है।
वहीं पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया है। कुकियों के सिविल सोसाइटी ग्रुप ट्राइबल लीडर्स फोरम ने भी कहा है कि इस घटना के लिए पुलिस जिम्मेदार है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर भी ऐसे वीडियो चल रहे हैं जिसमें पुलिस को ग्राम रक्षकों पर हमला करते हुए देखा जा सकता है।