पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात में पहले हिंदू मंदिर का उद्धाटन बुधवार को कर दिया।
इस मंदिर को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर नागर शैली में बनाया गया है। करीब 27 एकड़ जमीन पर बना यह मंदिर 700 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात ने दान में दी है। मंदिर में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा बुधवार सुबह शुरू हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने शाम को भव्य मंदिर के उद्घाटन समारोह का नेतृत्व किया जो 10 फरवरी को मंदिर में शुरू हुए ‘सद्भावना महोत्सव’ के समापन का प्रतीक था।
भारत की 15 कहानियां
इस मंदिर को दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा बनाया गया है।
मंदिर अधिकारियों के अनुसार, मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं। यह संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मंदिर में रामायण और महाभारत सहित भारत की 15 कहानियों के अलावा माया, एजटेक, मिस्र, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ्रीकी सभ्यताओं की कहानियों को भी दर्शाया गया है। मंदिर में ‘शांति का गुंबद’ और ‘सौहार्द का गुंबद’ भी बनाया गया है।
भगवान राम और शिव भी
बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने बताया कि सात शिखरों पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा की मूर्तियां हैं।
सात शिखर संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने बताया कि सात शिखर सात महत्वपूर्ण देवताओं को समर्पित हैं।
ये शिखर संस्कृतियों और धर्मों के परस्पर संबंध को रेखांकित करते हैं। आम तौर पर, हमारे मंदिरों में या तो एक शिखर होता है या तीन या पांच शिखर होते हैं, लेकिन यहां सात शिखर सात अमीरात की एकता के प्रति हमारा आभार व्यक्त करते हैं।
कुल ऊंचाई 108 फीट
ब्रह्मविहरिदास ने कहाकि इन शिखरों का उद्देश्य बहुसांस्कृतिक परिदृश्य में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देना है। कुल 108 फीट ऊंचा यह मंदिर क्षेत्र में विविध समुदायों के सांस्कृतिक एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
मेजबान देश को समान प्रतिनिधित्व देने के लिए भारतीय पौराणिक कथाओं में हाथी, ऊंट और शेर जैसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले जानवरों के साथ-साथ यूएई के राष्ट्रीय पक्षी बाज को भी मंदिर के डिजाइन में शामिल किया गया है।
मंदिर में पत्थरों पर नक्काशी करने वाले कारीगर सोमसिंह ने बताया कि दृढ़ता, प्रतिबद्धता और धीरज के प्रतीक ऊंट को संयुक्त अरब अमीरात के परिदृश्य से प्रेरणा लेते हुए मंदिर की नक्काशी में उकेरा गया है।