समुद्र से भारत की रक्षा करने वाले नौसेना के जवान अब मेस और नाविक संस्थानों में कुर्ता-पायजामा पहने हुए नजर आएंगे।
खबर है कि भारतीय नौसेना की ओर से इस संबंध में सबी कमानों और संस्थानों में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
हालांकि, यह साफ है कि नई पोशाक पनडुब्बियों और युद्धपोतों पर लागू नहीं होगी।
सरकार की तरफ से ‘औपनिवेशिक काल की चीजों’ को त्यागने के आदेश के आधार पर यह फैसला लिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, नए आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों और नाविकों को ऑफिसर्स मेस और नाविक संस्थानों में स्लीवलैस जैकेट और फॉर्मल जूतों या सैंडल के साथ कुर्ता-पायजामा पहनने की अनुमति दी जाए। हालांकि, इन्हें लेकर कुछ कड़े नियम भी तैयार किए गए हैं।
इसमें रंग से लेकर कुर्ते का आकर तक शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, कुर्ता ‘सॉलिड टोन’ का होना चाहिए, जिसकी लंबाई घुटनों तक हो।
साथ ही आस्तीन के लिए बटन का कफलिंक्स होने चाहिए। पायजामा की डिजाइन ट्राउजर की तर्ज पर होनी चाहिए। इसमें कमर पर इलास्टिक वेस्टबैंड और जेब होनी चााहिए।
महिलाओं के लिए भी इस तरह के आदेश जारी किए गए हैं। कुर्ता-चूड़ीदार या कुर्ता पलाजो पहनने की इच्छुक महिला अधिकारी भी इनका इस्तेमाल कर सकेंगी।
नामों का भी होगा ‘भारतीयकरण’
खास बात है कि सेना, नौसेना और वायुसेना में अब तक पुरुष कर्मियों के लिए कुर्ता-पायजामा पहनने की मनाही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, नौसेना नाविकों की रैंक को भी भारतीय नाम देने की तैयारी कर रही है।
हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है। अधिकारियों के बैटन रखने की प्रथा भी बंद हो गई है।