जम्मू-कश्मीर के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है।
उन्हें मंगलवार को दोपहर 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष को पिछले महीने भी इस केस में पूछताछ के लिए बुलाया गया था मगर वह पेश नहीं हुए।
माना जा रहा है कि 86 वर्षीय सांसद अब्दुल्ला को एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में हुई अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में तलब किया है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और श्रीनगर से लोकसभा के मौजूदा सदस्य अब्दुल्ला के खिलाफ दर्ज मामले में ED ने 2022 में आरोप पत्र दाखिल किया था।
ईडी ने बताया कि यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के धन के गबन से जुड़ा है। एजेंसी के मुताबिक, एसोसिएशन के धन को जेकेसीए के पदाधिकारियों सहित असंबद्ध पक्षकारों के निजी खातों में हस्तांतरित किया गया और निकाय के बैंक खाते से बिना कारण बताए नकदी निकाली गई।
ईडी ने यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से 2018 में दाखिल आरोप पत्र के आधार पर दर्ज किया। ईडी ने अब्दुल्ला को भेजे गए नोटिस में उन्हें एजेंसी के श्रीनगर कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था।
क्या एक मंदिर तक सीमित हैं राम: फारूक अब्दुल्ला
अगर राजनीतिक हलचलों की बात करें तो फारूक अब्दुल्ला ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि क्या भगवान राम एक मंदिर तक ही सीमित हैं।
उन्होंने पूछा कि क्या श्री राम विशेष रूप से भाजपा या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के ही हैं। उन्होंने कहा, ‘राम पर किसी का एकाधिकार नहीं है।
क्या भगवान राम केवल एक मंदिर में रहते हैं? क्या राम के पास कोई अन्य घर नहीं है? राम सर्वव्यापी हैं। वह वहां भी हैं जहां कोई राम मंदिर नहीं है।
वह पूरी दुनिया के राम हैं।’ उन्होंने कहा कि श्री राम किसी एक संप्रदाय के नहीं हैं और उन्हें केवल हिंदू के रूप में चित्रित करना गलत है।