परीक्षा में नकल और पेपर लीक जैसी दिक्कतों से निपटने के लिए सरकार नया विधेयक लेकर आई है।
इस विधेयक में परीक्षा के दौरान नकल करने या किसी अन्य तरह का फ्रॉड करने पर 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
अब इस विधेयक को कानून बनने में केवल एक कदम बाकी है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों से विधेयक को मंजूरी मिल गई है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधेयक कानून की शक्ल ले लेगा। बता दें कि प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में गड़बड़ी से निपटने के लिए सरकार ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 पारित करवाया है।
इस कानून के तहत परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
सरकार का कहना है कि परीक्षा करवाने में काफी पैसा खर्च होता है।
वहीं कुछ लोगों की गड़बड़ की वजह से परीक्षा रद्द होती है और स्टूडेंट्स के साथ-साथ प्रशासन को भी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में गड़बड़ करने वाले ही इस नुकसान के लिए उत्तरदायी होंगे।
सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि इस विधेयक के तहत छात्रों को निशाना नहीं बनाया जाएगा। संगठित अपराध, माफिया और नकल गिरोह में शामिल लोगों पर ही कार्रवाई का प्रावधान है।
इस विधेयक में एक तनकनीकी समिति गठित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा ऑनलाइन तरीके से परीक्षा को और ज्यादा सुरक्षित बनाने की सिफारिश की जाएगी।
इस कानून के तहत जॉइंट एग्जाम और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाएं भी आएंगी।
इस विधेयक में यूपीएससी, एसएससी, जेईई, रेलवे, बैंकिंग, सीयूईटी जैसी परीक्षाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा केंद्रीय विश्वविद्यायों में ऐडमिशन प्रक्रिया या फिर अन्य नौकरियों के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं को भी शामिल किया गया है।
अगर संगठित अपराध का मामला पकड़ा जाता है तो 10 साल तक की कैद और 1 करोड़ तक जुर्माना हो सकता है।