‘भारत जोड़ो न्याय’ यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी जन्म से ओबीसी नहीं हैं।
राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी का जन्म तेली जाति में हुआ था, जिसे साल 2000 में गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान ओबीसी में शामिल किया गया।
आइए जानते हैं कि मोढ़ घांची जाति से आने वाले पीएम मोदी की जाति को कब ओबीसी के अंतर्गत नोटिफाई किया गया था।
सामने आए सरकारी गजट के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा 27 अक्टूबर, 1999 को नरेंद्र मोदी की जाति को ओबीसी में नोटिफाई किया गया था।
इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने जुलाई 1994 में घांची को ओबीसी के रूप में अधिसूचित कर चुकी थी।
इसके बाद केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार की सिफारिशों के बाद 27 अक्टूबर 1999 को इसे ओबीसी के रूप में नोटिफाई कर दिया।
बता दें मोढ़-घांची समुदाय के लोग गुजरात, राजस्थान आदि में पाए जाते हैं। 27 अक्टूबर, 1999 के सरकारी राजपत्र को तत्कालीन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी किया था।
इसमें लिखा है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, यूपी और पश्चिम बंगाल से संबंधित अन्य पिछड़े वर्गों को केंद्रीय सूची में शामिल करने/संशोधन करने के लिए जातियों/समुदायों (उप जातियों/पर्यायों सहित) के नामों की सिफारिश है।
सरकार ने आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है और अधिसूचित करने का फैसला किया है। ये संशोधन इस संकल्प के जारी होने की तारीख से प्रभावी होंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले परिवार में नहीं हुआ और वह खुद को ओबीसी बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
राहुल ने ओडिशा में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तीसरे एवं अंतिम दिन यहां एक संक्षिप्त भाषण में कहा कि मोदी का जन्म ऐसे परिवार में हुआ जो सामान्य जाति की श्रेणी में आता है।
‘राहुल प्रधानमंत्री की जाति को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे’
वहीं, राहुल गांधी के दावे के बाद बीजेपी पलटवार कर रही है।गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाति को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
पूर्णेश ने कहा कि जिस तेली समुदाय से प्रधानमंत्री आते हैं, उसे तब अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिया गया था जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।
विधायक ने आरोप लगाया कि गांधी ने एक बार फिर झूठ फैलाना शुरू कर दिया है और तुष्टीकरण की राजनीति का सहारा लिया है।
भाजपा विधायक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”जब पूरा देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एकजुट है, तो राहुल गांधी ने एक बार फिर झूठ फैलाना शुरू कर दिया है और वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण का सहारा लिया है…ऐसी राजनीति के खिलाफ, प्रधानमंत्री ने गरीब, युवा, महिला और किसान के उत्थान का मंत्र दिया है।”
पीएम मोदी ने खुद को बताया था सबसे बड़ा ओबीसी
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले संसद में खुद को सबसे बड़ा ओबीसी बताया था। उन्होंने कांग्रेस पर पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ व्यवहार में पाखंड और दोहरे मानदंड अपनाने का भी आरोप लगाया था।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार ने ओबीसी के साथ न्याय नहीं किया।
कुछ दिन पहले ही कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 1970 में जब वे बिहार के सीएम बने तो उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए क्या नहीं किया? कांग्रेस ओबीसी को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
वे गिनती करते रहते हैं कि सरकार में कितने ओबीसी हैं। क्या आप (कांग्रेस) यहां (खुद की ओर इशारा करते हुए) सबसे बड़ा ओबीसी नहीं देख सकते?” वहीं, भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी ने गुरुवार को यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ओबीसी से जुड़े लोगों से हाथ तक नहीं मिलाते, वहीं अरबपतियों को गले लगाते हैं।