भिलाई के बहुचर्चित श्रृंखला यादव (17) हत्याकांड में दुर्ग जिला कोर्ट का 5 साल बाद फैसला आया है।
कोर्ट ने नाबालिग दोषी को 20 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है।
नाबालिग ने एकतरफा प्यार में कुल्हाड़ी से वार कर श्रृंखला की हत्या कर दी थी।
मैत्रीकुंज निवासी श्रृंखला 11वीं की छात्रा थी। नाबालिग हत्यारा भी उसी स्कूल में पढ़ता था और बार-बार छात्रा को तंग करता। परेशान होकर श्रृंखला ने स्कूल में शिकायत की।
इसके बाद नाबालिग को रस्टीकेट कर दिया गया, लेकिन उसने श्रृंखला को तंग करना नहीं छोड़ा।
पढ़ने जाते समय रास्ते में रोका
श्रृंखला 12वीं में पहुंच गई और डॉक्टर बनना चाहती थी। वह 13 जून 2019 की दोपहर 3 बजे स्कूटी से सिविक सेंटर पढ़ने जा रही थी। नाबालिग पहले से ही पीछा कर रहा था। घर से करीब एक किमी दूर छत्रपति शिवाजी नगर, गांधीपुरम के पास उसने श्रृंखला को रोक लिया।
बात करने से इनकार किया तो मार दी कुल्हाड़ी
श्रृंखला से नाबालिग बात करना चाहता था, लेकिन उसने इनकार कर दिया। इसके बाद नाबालिग हत्यारे ने कुल्हाड़ी निकाल ली और श्रृंखला के सिर पर वार कर दिया। इसके चलते छात्रा का सिर आधा कटकर अलग हो गया। इसके बाद छात्रा को घसीटकर झाड़ियों में फेंक दिया।
रायपुर में इलाज के दौरान हुई मौत
वारदात के कुछ घंटे बाद परिजनों के श्रृंखला के एक्सीडेंट होने का पता चला। वह पहुंचे तब तक पुलिस ने छात्रा को सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती करा दिया था। हालांकि हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने रायपुर रेफर कर दिया। वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
दो महिलाएं बनी चश्मदीद गवाह
वारदात के बाद डीपीएस की एक शिक्षिका अपने बच्चे को ट्यूशन छोड़ने के लिए स्कूटी से निकली। उस दौरान नाबालिग ने स्कूटी को बीच सड़क पर खड़ा कर रखा था।
इसके चलते उन्होंने अपनी गाड़ी धीमी की तो देखा कि मैदान में दो व्यक्ति एक-दूसरे पर लेटे हैं। दोनों को नशे में धुत समझ वह आगे चली गईं।
जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन का घर भी मैत्रीकुंज में है। उन्होंने जिला पंचायत से घर लौटते समय नाबालिग को देखा था। वह मुंह पर स्कार्फ बांधे सुनसान सड़क पर खड़ा हुआ था। अंदेशा होने पर उन्होंने ड्राइवर को पता करने के लिए कहा, लेकिन नाबालिग बहाना बनाकर आगे बढ़ गया।
हत्या के बाद 5 दिन बाद हुआ बालिग
श्रृंखला का हत्यारा वारदात के समय 17 साल 11 महीने का था। वह 5 दिन बाद बालिग हो गया। हत्यारे ने श्रृंखला को पहली बार 8वीं क्लास में देखा था। इसके बाद से ही एकतरफा प्यार करने लगा। श्रृंखला ने एस पर ध्यान नहीं दिया। शिकायत के बाद नाबालिग की काउंसिलिंग भी की गई, लेकिन नहीं सुधरा।
श्रृंखला की मां ने लड़ी लंबी लड़ाई
बेटी को न्याय दिलाने के लिए श्रृंखला की मां ममता यादव ने हार नहीं मानी। उन्होंने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बुधवार को दुर्ग न्यायालय ने हत्यारे को धारा 302, 201 और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया और उसे 20 साल कैद की सजा सुनाई।
श्रृंखला यादव की मां ने कोर्ट के फैसले पर ये कहा
श्रृंखला यादव की मां ममता ने कहा कि कोर्ट ने हमें न्याय दिया है। उसे सजा पहले मिल जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि, इस फैसले से नाबालिग जघन्य घटनाओं को अंजाम देने से डरेंगे। उन्होंने कहा कि हर बार बेटियां गलत नहीं होतीं।
ममता यादव ने कहा कि उनकी बेटी सही थी, तब भी समाज के कई लोग उन्हें ताने देने से नहीं चूकते थे। पिता काम में व्यस्त रहते थे, तो मां ने ही पूरे केस को संभाला। वो बेटी को न्याय दिलाने के लिए लगातार कोशिश करती रहीं।
कैंडल मार्च निकाल कर दी गई थी श्रद्धांजलि
श्रृंखला यादव को न्याय दिलाने के लिए उसकी मां के साथ पूरा शहर उमड़ पड़ा था। लोगों और खास तौर पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने उसे न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाला था। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने मार्च निकालकर श्रृंखला को श्रद्धांजलि देते हुए आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की थी।