स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि स्कूल केवल शिक्षा का केंद्र ही न रहें बल्कि समर्पण और संस्कार के केंद्र भी बने।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन की शिक्षा के प्रति सर्वोच्च प्राथमिकता है। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए राज्य में न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से स्कूलों में पहले पीरियड में योग और प्राणायाम के साथ ही नैतिक शिक्षा भी प्रारंभ करने की योजना है।
मंत्री अग्रवाल आज अंबिकापुर में एक निजी स्कूल के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
स्कूल शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कहा कि स्कूलों का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि छात्रों को जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक सभी कौशल प्रदान करना भी है।
वर्तमान समय में शिक्षा के साथ हमें व्यवहारिक और तकनीकी ज्ञान में दक्ष होना भी जरूरी है। स्कूली शिक्षा के दौरान ही बच्चों में नैतिक मूल्यों और सामाजिक संस्कारों को सीखते हैं, जो उन्हें बेहतर नागरिक बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यावसायीकरण करने के बजाय हमें प्रतिभाओं को सामने लाने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने स्कूली बच्चों को शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, स्कूल प्रबंधन और शिक्षक, स्कूली बच्चे एवं उनके परिजन उपस्थित थे।