लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार ने एक बड़ा फैसला ले लिया है।
शिंदे सरकार ने महाराष्ट्र में आठ लाख या उससे कम आय वाले परिवार की लड़कियों के शैक्षणिक शुल्क को माफ करने का ऐलान किया है।
इन परिवारों की लड़कियों की फीस भरपाई करने का जिम्मा अब महाराष्ट्र सरकार उठाएगी। महाराष्ट्र सरकार को ऐसी उम्मीदें हैं कि इस कदम से उच्च शिक्षा में लड़कियों भागीदारी बढ़ेगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को संयुक्त कुलपतियों के बोर्ड (जेबीवीसी) की बैठक के दौरान इसकी घोषणा की।
मौजूदा वक्त में इसी श्रेणी में शैक्षणिक शुल्कों में 50 प्रतिशत की छूट दी जाती है, जिसे अब 100 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है।
पाटिल ने कहा, “विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए कि अधिक लड़कियां विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश लें।” पाटिल ने कुलपतियों को समय पर परिणाम घोषित करने के महत्व पर जोर देने के साथ-साथ इसके लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने भी सभी कुलपतियों से समय पर परिणाम घोषित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि परिणाम में देरी के कारण छात्र अपने शैक्षणिक वर्ष या नौकरी के अवसर न चूकें।”
पिछले साल भी राज्यपाल ने रिजल्ट में देरी को लेकर विश्वविद्यालयों को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि परिणाम घोषित करने और मार्कशीट जारी करने में देरी के लिए कुलपतियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।