कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे पहले से तय होने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दावे को खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पिक्चर अभी बाकी है तथा अंतरिम बजट मोदी सरकार का अंतिम बजट लगता है।
थरूर ने जीडीपी को ‘गवर्नेंस, डेवलपमेंट और परफॉर्मेंस’ बताने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना भी की और कहा कि इस व्यवस्था के तहत ‘जी’ का मतलब ‘गवर्नमेंटल इंट्रूजन एंड टैक्स टेररिज्म’ (सरकारी घुसपैठ और कर आतंकवाद), ‘डी’ का मतलब ‘डेमोग्रेफिक बिट्रेयल’ (जनसांख्यिकीय विश्वासघात) और ‘पी’ का मतलब ‘पावर्टी एंड राइजिंग इनिक्वालिटी’ (गरीबी और बढ़ती असमानता) है।
थरूर ने पीटीआई मुख्यालय में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में अंतरिम केंद्रीय बजट को ”निराशाजनक” करार देते हुए कहा कि बेरोजगारी की बात वित्त मंत्री के भाषण से पूरी तरह गायब थी।
उन्होंने दावा किया कि आम आदमी के जीवन में सुधार के मामले में सरकार को ‘एफ ग्रेड’ (अनुत्तीर्ण) मिलता है। थरूर ने कहा, ”मुद्रास्फीति, विशेष रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि इतनी चौंकाने वाली है कि नीचे की 20 प्रतिशत आबादी बाजार में उन्हें खरीदने में असमर्थ है, जबकि वे एक या दो साल पहले खरीद सकते थे। यह आम भारतीय के जीवन की वास्तविकता है, यही कारण है कि सरकार चाहती है कि लोग राम मंदिर के लिए गर्व करते हुए वोट करें या बालाकोट, पुलवामा की घटना को लेकर पाकिस्तान पर कथित प्रहार के लिए गर्व के आधार पर वोट दें।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना था कि भाजपा को 2019 में इसी तरह सफलता मिली थी। उन्होंने कहा, ”इस बार राम मंदिर मुद्दा बनने जा रहा है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि अबू धाबी मंदिर को जोड़ा जााएगा।
स्पष्ट रूप से सरकारें ऐसा करने के लिए नहीं चुनी जाती हैं, सरकारें आम लोगों के जीवन में सुधार के लिए चुनी जाती हैं। क्या इस सरकार ने ऐसा किया? मैं कहूंगा कि उस विशेष मानदंड पर वह (सरकार) पूरी तरह विफल है।”
यह पूछे जाने पर कि सीतारमण का कहना है कि जुलाई में सरकार ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप पेश करेगी और भाजपा का दावा है कि 2024 के चुनावों का परिणाम पहले से तय है, थरूर ने कहा, ”पिक्चर अभी बाकी है।”
तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि मतदान से पहले मतों की गिनती नहीं की जा सकती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विपक्ष के पास अभी भी समय है कि वह मिलकर काम करे और लोगों के समक्ष आर्थिक वास्तविकताओं को रखे। थरूर का कहना था कि यह अंतरिम बजट मोदी सरकार का ‘अंतिम बजट’ लगता है।