मलयालम फिल्मों के मशहूर अभिनेता टीपी माधवन का आज बुधवार 9 अक्तूबर को कोल्लम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिनेता पेट से संबंधित बीमारियों के कारण वेंटिलेटर पर थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार 10 अक्तूबर को तिरुवनंतपुरम के शांति कवदम में होगा।
बीमारी के बाद अभिनय से बनाई दूरी
टीपी माधवन के परिवार में अब उनके बेटे राजा कृष्ण मेनन और बेटी देविका हैं। अभिनेता ने अपने अंतिम दिन पठानपुरम के गांधी भवन में बिताए। कुछ साल पहले माधवन को भूलने की बीमारी का पता चलने के बाद उन्होंने अपना अभिनय करियर खत्म कर दिया था। इतना ही नहीं, वह 2015 से स्ट्रोक का इलाज भी करवा रहे थे।
600 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
रिपोर्ट के अनुसार, टीपी माधवन प्रसिद्ध प्रोफेसर एनपी पिल्लई के बेटे थे, जिनके पास समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री थी। अभिनय करियर से पहले उन्होंने कोलकाता और मुंबई में विज्ञापन व्यवसाय चलाया। अभिनेता ने 40 साल की उम्र में अभिनय करना शुरू किया। उनकी पहली डेब्यू फिल्म रागम थी, जो 1975 में रिलीज हुई थी। अपने सफल करियर के दौरान उन्होंने 600 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। माधवन ने अपने करियर की शुरुआत एक खलनायक के तौर पर की थी, लेकिन बाद में वे हास्य भूमिकाओं में आ गए और अपने अविश्वसनीय अभिनय के लिए मशहूर हो गए।
टीवी शोज का भी हिस्सा रहे अभिनेता
इसके अलावा भूलने की बीमारी से पीड़ित होने से पहले टीपी माधवन कई टेलीविजन धारावाहिकों में भी दिखाई दिए थे। भारतीय फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हें प्रेम नजीर और रामू करायत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। टीपी माधवन को भारतीय सेना के लिए भी चुना गया था। हालांकि, हाथ में फ्रैक्चर के कारण उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा। अभिनय के अलावा अनुभवी अभिनेता ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के पहले महासचिव के रूप में भी काम किया।