नई दिल्ली । यमुना प्राधिकरण की आवासीय प्लॉट योजना में उद्योग, संस्थागत, कमर्शियल श्रेणी के आवेदकों के लिए आरक्षित प्लॉटों का ड्रा 10 अक्टूबर को होने की संभावना कम है। कमर्शियल योजना के आवंटियों की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद प्राधिकरण आवंटियों की आरक्षित श्रेणी को छोड़कर अन्य के लिए ड्रा संपन्न कराने पर विचार कर रहा है। आवेदकों के नाम की पर्ची बनाने का काम शुरू हो गया। ड्रा में 187577 लोगों की किस्मत का फैसला होगा। योजना में केवल प्लॉट की कुल कीमत का एक मुश्त भुगतान करने वालों को ही मौका मिलेगा। यमुना प्राधिकरण की आवासीय प्लॉट योजना में 361 प्लॉट के लिए ड्रा की तैयारी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन कमर्शियल योजना के आवंटियों को क्रियाशील प्रमाण पत्र जारी होने में फर्जीवाड़े के बाद उनके लिए आरक्षित श्रेणी के प्लॉटों के ड्रा पर संकट मंडरा गया है। कमर्शियल के दस आवंटियों को बिना निर्माण कराए क्रियाशील प्रमाण पत्र जारी करने के मामले की जांच अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रुति कर रही हैं। प्राधिकरण ने उन्हें आरक्षित श्रेणी से हटाकर सामान्य श्रेणी में शामिल कर ड्रा संपन्न कराने के फैसला किया था, लेकिन इन आवेदकों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। इसलिए आरक्षित श्रेणी के नौ प्लॉटों को छोड़कर अन्य के लिए दस अक्टूबर को ड्रा कराने की तैयारी चल रही है। इंडिया एक्सपो मार्ट में सुबह दस बजे से आवेदकों के नाम की पर्ची निकालकर प्लॉट आवंटन की प्रकिया शुरू होगी और अंतिम आवंटन तक जारी रहेगी। प्राधिकरण को योजना में कुल 202235 आवेदन मिले थे। इसमें एक मुश्त भुगतान का विकल्प देने वाले आवेदकों की संख्या 187577 है। सबसे अधिक आवेदक 120 वर्गमीटर श्रेणी में हैं। किस्तों में भुगतान करने वाले आवेदकों की संख्या 14374 है। इनके ड्रा में शामिल होने की संभावना नहीं है। 264 आवेदकों ने एक से अधिक आवेदन कर दिए हैं। जबकि 20 आवेदकों ने आवेदन को सरेंडर कर दिया है।
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