दिल्ली क्राइम ब्रांच की ANTF यूनिट ने एक अंतरराज्यीय गांजा तस्करी गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 22.951 किलो गांजा और एक कार बरामद की है। जांच में पता चला है कि यह गिरोह विशाखापट्टनम के जंगलों से नक्सलियों से गांजा खरीदकर दिल्ली-NCR में सप्लाई करता था।
क्राइम ब्रांच की Anti-Narcotic Task Force(ANTF) यूनिट ने गांजा सप्लाई सिंडिकेट के इंटरस्टेट गैंग के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान नरेला के टिकरी खुर्द निवासी धर्मेंद्र शाह(45), स्वरूप नगर के सिंधी कॉलोनी निवासी प्रीतम(40), अलीपुर के गांव बकौली निवासी अजय कुमार(32), मुकुंदपुर फेज-2 निवासी नीरज कुमार(24) और गौतमबुद्धनगर निवासी मुन्ना(39) के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से एक स्विफ्ट डिजायर कार और दो जगहों से 22.951 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया।
22.287 किलो गांजा बरामद
जांच में पता चला कि आरोपी विशाखापट्टनम के जंगलों से नक्सलियों से गांजा खरीदकर दिल्ली-NCR में बेचते थे। बरामद गांजे की कीमत लगभग 12 लाख रुपये है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक इनपुट के आधार पर विजय घाट के पास से दो सप्लायर धर्मेंद्र शाह और प्रीतम नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनकी निशानदेही पर 22.287 किलो गांजा बरामद हुआ। धर्मेंद्र शाह के कब्जे से एक स्विफ्ट डिजायर टैक्सी बरामद हुई। इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
आरोपियों ने बताया सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के नाम
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने सिंडिकेट से जुड़े बाकियों के नाम बताए। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने एक एक करके बाकी तीन को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि नोएडा निवासी मुन्ना दिल्ली-NCR में गांजे की लोकल सप्लाई में मुख्य कड़ी है। वह 6-7 साल से तस्करी कर रहा था। वह नक्सलियों से गांजा खरीदकर अपनी कार से आता था और सप्लाई देता था। एक बार आंध्र प्रदेश के देवरापल्ली थाने में नक्सलियों द्वारा खेप की शिफ्टिंग के दौरान उसकी कार को भी वहां की पुलिस ने जब्त कर लिया था। उस केस में तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में भी मुन्ना फरार पाया गया। मुन्ना पर पहले से एनडीपीएस के केस हैं।