भारत और बांग्लादेश के बीच इन दिनों 3 टी20 मैचों की सीरीज खेली जा रही है। सीरीज का दूसरा मुकाबला शुक्रवार को दिल्ली में खेला जाएगा। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टीम टी20 इंटरनेशनल में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इस बीच सूर्यकुमार यादव ने खुलासा किया है कि कप्तानी में उनकी सफलता का राज क्या है।
खेल बदलना नहीं चाहता हूं
जियो सिनेमा से बातचीत में सूर्यकुमार यादव ने कहा, "मैं वास्तव में नई भूमिका का आनंद ले रहा हूं। हमारे कोच और मेरे साथियों ने मेरे लिए कप्तानी आसान बना दी है। मैं नई जिम्मेदारी के बारे में बहुत पॉजिटिव फील कर रहा हूं। साथ ही मैं नहीं चाहता कि कप्तानी से मेरा खेल बदले, इसलिए मैं वैसे ही खेलना जारी रखना चाहता हूं जैसे मैं हमेशा खेलता आया हूं। मैं मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह एक जैसा ही रहना चाहता हूं।"
मैं लीडर बनना चाहता हूं
उन्होंने कहा, "मेरी फिलॉसॉफी यही है कि मैं चाहता हूं कि प्लेयर अपना नेचुरल गेम खेले। अपने आप को वैसे ही अभिव्यक्त करें जैसे वे अपने राज्यों और फ्रेंचाइजी के लिए खेलते समय करते हैं। जब आप भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होते हैं तो केवल जर्सी ही बदलती है, लेकिन सफल होने की प्रेरणा वही रहती है। मैं टीम का लीडर बनना चाहता हूं, सिर्फ कागजों पर कप्तान नहीं। मैं हमेशा अपने सीनियर्स से सीखने की कोशिश करता हूं और उम्मीद करता हूं कि मैंने अपने पिछले कप्तानों से जो सीखा है उसे लागू करूंगा।"
रोहित की कप्तानी से बहुत सीखा
सूर्यकुमार यादव ने बताया कि उन्हें रोहित शर्मा से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने कहा, "कानपुर टेस्ट में रोहित शर्मा को बल्लेबाजी करते हुए देखकर ऐसा लगा जैसे टी20 सीरीज शुरू हो चुकी है। यह बिल्कुल रोहित शर्मा स्टाइल की अप्रोच थी। बहुत कम टीमें दो दिनों के खेल में हारने के बाद नतीजे पर पहुंचती हैं, लेकिन कानपुर टेस्ट जीतना महान कप्तानी को दिखाता है। मैंने रोहित से कप्तानी के बारे में बहुत कुछ सीखा है और मुझे उम्मीद है कि मैं उन सीखों को अपने नेतृत्व में लागू कर सकूंगा।''
हेड कोच गौतम गंभीर के साथ रिश्तों को लेकर स्काई ने कहा, "गौतम गंभीर और मेरा खास बॉन्ड है। उन्होंने हमेशा मुझे सपोर्ट किया है। मैं इसे कभी नहीं भूल सकता हूं। यहां तक कि जब मैं अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं करता हूं, तब भी वह मुझे समझ जाते हैं। यह सच में काफी खास है।"