रूस और यूक्रेन युद्ध को तीन साल होने वाले हैं।
हाल ही में रूस की तरह यूक्रेन ने भी आक्रामक रवैया अपनाया है। रूस के भीतर जमकर घुसपैठ की है। बीते दिनों यूक्रेन ने रूस के हथियार भंडार पर ड्रोन अटैक किया।
हमला इतना भयानक था कि 6 किलोमीटर तक आग फैल गई। आग का विशाल धुआं इतना उठा कि आसमान भी काला हो गया।
क्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले के लिए अपनै सैनिकों की प्रशंसा की और कहा कि वे जीत की ओर बढ़ रहे हैं। यूक्रेन के बढ़ते हमलों के बावजूद रूस कह रहा है कि वह परमाणु हमला नहीं चाहते।
रूस के पास दुनिया में सबसे बड़ा परमाणु जखीरा है। रूस के बाद अमेरिका का नंबर है। युद्ध में यूक्रेन के साथी अमेरिका के पास 5224 परमाणु हथियार हैं तो रूस के पास 5889 परमाणु हथियार हैं।
परमाणु हथियारों के मामले में सबसे ताकतवर होने के बावजूद रूस ने कहा है कि वह परमाणु हमलों के विस्तार को कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पिछले कुछ महीनों से पुतिन पश्चिम और अमेरिका पर यूक्रेन को मदद करने पर परमाणु हमले की धमकी देते रहे हैं, ऐसे में रूसी सरकार का यह कहना है कि वे परमाणु हमला नहीं चाहते, कई सवाल खड़े करता है। हालांकि पश्चिमी देशों में रूसी दहशत के चलते रूसी विशेषज्ञों का कहना है कि मॉस्को अपने परमाणु शस्त्रागार का उपयोग नहीं करना चाहता है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को स्थित सेंटर फॉर इंटरनेशनल इंटरेक्शन एंड कोऑपरेशन के संस्थापक एलेक्सी मालिनिन ने बताया कि रूसी दृष्टिकोण से अगर दुश्मन के सामने रूस के पास कोई और विकल्प नहीं बचता है तो वह ऐसी स्थिति में उसके लिए परमाणु क्षमताओं का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। उन्होंने कहा, “रूस परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करना चाहता है, क्योंकि वह ऐसे हथियारों के उपयोग से संघर्ष के परिणामों की गंभीरता को समझता है।”
रूस की क्या मजबूरी
उन्होंने कहा, “वर्तमान में, हमारा देश बढ़ते खतरों का जवाब देने के लिए मजबूर है। पश्चिम देश यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमानों और यूएस-निर्मित एटीएसीएमएस जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों सहित हथियारों की आपूर्ति जारी रखे हुए है। इसके अलावा, नाटो रूस की सीमाओं के आसपास अपने बुनियादी ढांचे का विकसित कर रहा है। फिनलैंड में नई इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।”
उन्होंने दावा किया कि यद्यपि रूस परमाणु हथियारों के उपयोग से बचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मॉस्को किसी भी सूरत में अपनी “अखंडता और संप्रभुता” की रक्षा करने के लिए तैयार है।
उधर, रूसी आलोचकों का मानना है कि पुतिन परमाणु हमले नहीं तो कम से कम भयानक हमले से मानवीय त्रासदी चाहते हैं। पुतिन की हालिया चेतावनी भी इन संभावनाओं को और बल देती है। पुतिन चेतावनी दे चुके हैं कि रूस “संप्रभुता के लिए गंभीर खतरे” के जवाब में परमाणु हथियारों का उपयोग करने से नहीं चूकेगा।
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