भोपाल । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के दस्तखत नहीं होने के कारण प्रदेश कांग्रेस की नई प्रबंध समिति की घोषणा नहीं हो पा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का मानना है कि नई टीम किसी भी दिन आकार ले सकती है। यह तय है कि इस बार पदाधिकारियों की संख्या 100 से कम ही रहना है। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व ने लगभग 80 पदाधिकारियों के नाम अनुमोदित किए हैं।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा आगे बढ़ाई गई सूची अलग-अलग स्तर पर हुए विचार-विमर्श के बाद संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अनुमोदित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दी है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव में खडग़े की व्यस्तता के चलते इस सूची का अभी तक अनुमोदन नहीं हो पाया। अब संभावना जताई जा रही है कि या तो आज शाम तक या फिर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के नतीजे के बाद नई टीम की घोषणा हो जाएगी। सूची में संगठन के काम में रुचि रखने वाले ज्यादातर दिग्गज नेताओं के साथ ही कई नए लोगों को भी स्थान दिया गया है। लंबे समय से संगठन के पदों पर जमे कुछ नेताओं को इस बार पद से दूर रखा गया है। कई पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायकों के नाम भी इस सूची में हैं। कुछ वर्तमान विधायकों को भी पदाधिकारी बनाया जा रहा है। प्रदेश के दोनों वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्विजयसिंह के समर्थकों को इसमें स्थान देने के साथ ही क्षेत्रवार संतुलन का भी ध्यान रखा गया है।
लंबे समय से नई टीम के गठन के लिए प्रयासरत प्रदेश अध्यक्ष ने संभावित नए पदाधिकारियों के नाम की सूची काफी पहले ही केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी थी, लेकिन वहां से मिले निर्देशों के बाद दो-तीन बार बदलाव के चलते इसमें विलंब हुआ। कुछ दिन पहले पटवारी नई सूची के साथ दिल्ली पहुंचे थे और संगठन महामंत्री से लंबी चर्चा के बाद सूची को अंतिम रूप दे दिया गया था।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ की बढ़ती सक्रियता के बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और प्रदेश अध्यक्ष के बीच नए सिरे से जमा तालमेल नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा में है। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच लगातार संवाद हो रहा है और प्रदेश में संगठन की गतिविधियों में दिग्विजय का दखल भी बढ़ा है। उनका प्रदेशव्यापी नेटवर्क संगठन के कामकाज को विस्तार देने में लगे पटवारी के लिए बहुत मददगार साबित हो रहा है। पटवारी भी संगठन मामलों में दिग्विजय की राय को बहुत तवज्जो दे रहे हैं और उनके विधायक बेटे जयवर्धनसिंह को भी बराबर मौका दे रहे हैं।
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