इंदौर । देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिए। इस मौके पर उन्होंने कहा ऑउटडेटेड तरीकों को छोड़कर युवा अपने ज्ञान और कौशल को लगातार सुधार करे। दुनिया तेजी से बदल रही है। यह एक रोमांचक समय है। आज कई अवसर उपलब्ध है। 21वीं सदी में सफल होने के लिए ज्ञान और कौशल को निखारना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उपहार किसी अन्य उपहार से बढ़कर है ऐसे में बालिकाओं की शिक्षा में बढ़ती रूचि व आगे बढ़ने का उत्साह सराहनीय है। मनुष्य का स्वभाव उसका चरित्र , आचरण ही उसके गहने हैं। चरित्र से बढ़कर कुछ नहीं है। शिक्षा एक आजीवन यात्रा है और विद्यार्थियों को लगातार ज्ञान प्राप्त करने, सीखने के प्रयास करने चाहिए।
दीक्षांत समारोह में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 1,426 छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 19 पीएचडी प्राप्तकर्ता भी शामिल थे। इसके अतिरिक्त 14 मेधावी विद्यार्थी को अपने-अपने पाठ्यक्रमों में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए और संस्थान के पूर्व छात्र मनीष कुमार को आउटस्टेंडिंग स्टूडेंट अवार्ड बतौर स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। समारोह के विशेष अतिथि सांसद शंकर लालवानी और मध्यप्रदेश निजी विवि नियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह और वैष्णव विद्यापीठ ट्रस्ट के मानद सचिव कमल नारायण भुराड़िया थे।