नागपुर। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने नागपुर में कांग्रेस पर आरोप लगाए कि कांग्रेस ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उसने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ आरक्षण समाप्त करने का एक फेक नैरेटिव खड़ा किया। रिजिजू ने कहा यह दुख की बात है कि अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के कुछ लोग ऐसे लोगों को समर्थन और सम्मान देते हैं जिन्होंने डाक्टर अंबेडकर का अपमान किया है।
रिजिजू ने अपने एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के अनुयायियों से आह्वान किया कि वे उनके अपमान को याद रखें। उन्होंने कहा कि जो लोग आपातकाल लगाकर भारत के संविधान का दुरुपयोग करते हैं, उन्हें अंबेडकर का अपमान करने का हक नहीं है। रिजिजू ने आगे कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर के निधन और 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बीच के घटनाक्रम को जानना जरूरी है। रिजिजू ने कहा कि अंबेडकर ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ पत्र लिखा था कि वे उनके साथ मंत्री पद नहीं संभाल सकते। जहां भी बाबासाहेब चुनाव लड़ते थे, कांग्रेस उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा देती थी। उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर को उनके निधन के कई सालों बाद भारत रत्न से सम्मानित किया गया। रिजिजू ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अंबेडकर के सम्मान में पांच तीर्थ स्थलों का विकास किया है, जिनमें मऊ, लंदन में उनका घर, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल शामिल हैं।
रिजिजू ने कांग्रेस पर इमरजेंसी के दौरान संविधान का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया और कहा कि पीएम मोदी ने संविधान को सम्मानित किया और संविधान दिवस मनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस उन पर संविधान बदलने का फेक नैरेटिव फैला रही है। रिजिजू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में बाबासाहेब के अपमान करने वालों का समर्थन देखने से उन्हें गहरा आघात हुआ। उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय से अपील की कि वे बाबासाहेब अंबेडकर के अपमान को भूलने न दें और उनकी विरासत को बनाए रखें। रिजिजू ने जोर देकर कहा कि सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए बाबासाहेब के सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें पीएम मोदी का समर्थन करना चाहिए।
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