नई दिल्ली। केक का सेवन करने के शौकिनों के लिए बुरी खबर है। केक में ऐसे खतरनाक तत्व पाए गए हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। हाल ही में कर्नाटक में एक 10 वर्षीय बच्ची की जन्मदिन का केक खाने के बाद हुई मौत ने लोगों में चिंता बढ़ा दी थी।
इस घटना के बाद, कर्नाटक में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता विभाग ने केक से जुड़े संभावित खतरों को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। दरअसल, कर्नाटक में फूड सेफ्टी और क्वालिटी डिपार्टमेंट ने बेंगलुरु की कुछ बेकरियों से केक के सैंपल लिए थे। इन सैंपलों की जांच में पाया गया कि केक में इस्तेमाल हो रहे आर्टिफिशियल रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। जांच में सनसेट येलो एफसीएफ और एल्यूरा रेड जैसे रंग मिले, जिन्हें कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर पैदा करने वाले तत्व माना जाता है। ये रंग केक को आकर्षक और चमकदार बनाने के लिए मिलाए जाते हैं, लेकिन इनका उपयोग स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपने बयान में कहा कि बेंगलुरु की कई बेकरियों से लिए गए 12 केक सैंपलों में कैंसर फैलाने वाले ये कृत्रिम रंग पाए गए हैं। खासतौर पर रेड वेलवेट और ब्लैक फॉरेस्ट जैसे केक में खतरनाक मात्रा में ये रंग पाए गए हैं।
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन रंगों के उपयोग से सीधे तौर पर कैंसर का खतरा नहीं बताया है, लेकिन जब इनका उपयोग मानक से अधिक मात्रा में होता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। कुल मिलाकर, सरकार ने 235 केक के नमूनों की जांच की, जिसमें से 223 नमूने सुरक्षित पाए गए, लेकिन 12 नमूनों में खतरनाक स्तर के कृत्रिम रंग मिले हैं। इस मामले के बाद, खाद्य सुरक्षा विभाग ने बेकरियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे सुरक्षा मानकों का पालन करें और खतरनाक रंगों का इस्तेमाल न करें। उपभोक्ताओं को भी सजग रहने और केक की गुणवत्ता की जानकारी लेने की सलाह दी गई है। इस घटना ने एक बार फिर से खाद्य सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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