सहारनपुर के शिवालिक पहाड़ियों के बीच स्थित मां दुर्गा के 9 सिद्धपीठ में से एक मां शाकंभरी देवी मंदिर पर शारदीय नवरात्र में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में देशभर के कई लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचते हैं. शाकंभरी देवी भगवान विष्णु के ही आग्रह करने पर शिवालिक की दिव्य पहाडियों पर स्वयंभू स्वरूप मे प्रकट हुई थी. माता शाकंभरी के स्वरूप का विस्तृत वर्णन दुर्गा सप्तशती के मूर्ती रहस्य अध्याय में मिलता है. कहा जाता है कि महाशक्ति ने आयोनिजा स्वरूप में प्रकट होकर शताक्षी अवतार धारण किया. देवी शताक्षी रचना का प्रतीक है. मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से मां शाकंभरी से कुछ मांगने आता है, उसकी मनोकामनाएं जरुर पूर्ण होती है.
मां शाकंभरी के दर्शन करने के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइन में घंटों खड़े होकर श्रद्धालु मां शाकंभरी के दर्शन करने पहुंचते हैं. पहले दिन यानी कि बृहस्पतिवार को सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा. कई घंटों तक लाइन में लगकर श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की प्रार्थना की. दर्शन करने के लिए राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड सहित अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु सहारनपुर में मां शाकुंभरी देवी के दर्शन करने पहुंचे.
श्रद्धालुओं को बिन मांगे सब दे देती है मां
विभिन्न प्रदेशों से दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि वह पिछले कई सालों से मां शाकंभरी देवी के दर्शन करने पहुंचते हैं. तो कुछ श्रद्धालुओं का कहना है कि उनको बिन मांगे ही सब कुछ मिल जाता है और मनोकामना पूर्ण होने के बाद प्रसाद चढ़ाने जरूर आते हैं. कुछ श्रद्धालुओं का कहना था कि वह जन्म से ही मां शाकंभरी देवी में श्रद्धा रखते हैं और उनके सभी काम पूर्ण होते हैं. हर साल नवरात्रों में मां शाकंभरी देवी की पूजा अर्चना करने के साथ विशाल भंडारे का आयोजन भी करते हैं. तो वहीं कुछ श्रद्धालु मां शाकंभरी की अखंड ज्योत ले जाकर अपने घरों पर जगराता करते हैं.