कबीरधाम.
छग माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीजी बोर्ड ) को दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने वाले संस्था के रूप में सभी जानते हैं, लेकिन वर्तमान में यह संस्था अपने एक फरमान को लेकर खासा चर्चा में है। दरअसल बोर्ड ने विगत एक अक्तूबर को एक पत्र जारी किया है, जिसमें निर्धारित तिथि में ऑनलाइन एंट्री नहीं कर पाने वाले संस्था से पच्चीस हजार जमा करने का निर्देश दिया है।
छग टीचर्स एसोसिएशन ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के इस तुगलकी फरमान पर कड़ी आपत्ति करते हुए वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रमेश कुमार चन्द्रवंशी ने बताया कि कक्षा नवमीं का नामांकन एवं दसवीं व बारहवीं के वार्षिक परीक्षा का आवेदन पत्र ऑनलाइन एंट्री करने के लिए 31 अगस्त तक निर्धारित किया गया था। प्रदेश के कई स्कूलों में एक-दो बच्चों का ऑनलाइन एंट्री छूट गया। इसके लिए बोर्ड ने डीईओ के माध्यम से 25 सितंबर तक उन स्कूलों की सूची मंगाया, जहां ऑनलाइन एंट्री के लिए बच्चे छूट गए हैं। सूची प्राप्त करते ही माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 3 से 6 अक्टूबर कुल चार दिन तक ऑनलाइन एंट्री के लिए पोर्टल खोलने का शुल्क प्रति स्कूल 25000 रुपये देने का फरमान जारी किया है। इस सूची में कबीरधाम जिले के 29 स्कूलों का नाम शामिल है। वहीं, पूरे प्रदेश में 1247 स्कूलों का नाम है। इस प्रकार अब प्रदेश के इन 1247 स्कूलों को प्रति स्कूल 25000 रुपये की दर से कुल तीन करोड़ 11 लाख 75 हजार रुपये विलंब शुल्क जमा करने के लिए कहा गया है। एक ओर प्रदेश सरकार स्कूली शिक्षा को निःशुल्क करने में लगा हुआ है। वहीं, दूसरी ओर बोर्ड करोड़ों की वसूली करने में मशगूल है।