कर्नाटक के पीन्या में तीन संदिग्ध और पाकिस्तानी नागरिक पकड़े गए हैं। पुलिस ने दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उनकी 17 वर्षीय बेटी को हिरासत में लिया गया है।
इन लोगों के बारे में पहले पकड़े गए कुछ अन्य पाकिस्तानियों ने जानकारी दी है।
पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चला रही है जो हिंदू नाम का इस्तेमाल कर यहां पर रह रहे हैं। मामले में गिरफ्तार कपल 53 साल का सैयद तारिक और 48 वर्षीय पत्नी अनीला है।
इन लोगों के पास से पुलिस ने तीन मोबाइल, आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड और दो वोटर आई कार्ड मिले हैं। इन सभी को नकली दस्तावेजों के आधार पर तैयार किया गया था।
गौरतलब है कि शंकर शर्मा के नाम से यहां रह रहे 48 साल के राशिद अली सिद्दिकी को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। वह अपनी बांग्लादेशी पत्नी और उसके पैरेंट्स के साथ यहां पर रहता था।
पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक तारिक का परिवार आठ साल पहले गैरकानूनी ढंग से भारत आया था। शुरू में वह लोग कोच्चि में रह रहे थे। चार साल पहले वह बेंगलुरु चले आए थे।
तारिक एक उपदेशक है और यूट्यूब पर इसके वीडियो डालता है। वहीं, उसकी पत्नी घरेलू महिला है। आरोप है कि इस परिवार को अल्ताफ अहमद नाम का शख्स इन लोगों की आर्थिक मदद करता था।
अल्ताफ को चेन्नई में उसकी पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। यह लोग नकली दस्तावेजों के साथ पकड़े गए थे।
पुलिस ने बताया कि अल्ताफ तारिक को मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल के मुताबिक उपदेश देने के लिए हर महीने 25 हजार रुपए देता था।
पुलिस अब यह पता लगा रही है कि अवैध पाकिस्तानी प्रवासियों को मिलने वाला पैसे आता कैसे था। इसके साथ ही कर्नाटक में अवैध रूप से रह रहे अन्य पाकिस्तानियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि तीन संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिकों को ऐसे समय में हिरासत में लिया गया है जब कुछ ही दिन पहले बेंगलुरु के बाहरी इलाके जिगानी में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
यह भी पता चला है कि वे जिगानी में पकड़े गए लोगों की तरह ही फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक और भारत के विभिन्न हिस्सों में बस गए अन्य लोगों की पहचान के लिए जांच जारी है।
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