पश्चिम एशिया में नए सिरे से पैदा हुए तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पश्चिम एशिया में तनाव और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार व आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर मीटिंग में चर्चा की गई।
भारत ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर गहरी चिंता जाहिर की। गुरुवार की बैठक के बाद नई दिल्ली की ओर से कहा गया कि संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए। भारत ने सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का भी अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की समिति ने मध्य पूर्व को लेकर गहराई से चर्चा किया।
इस दौरान मिडिल-ईस्ट की मौजूदा शत्रुता और ईरान के इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद बदलते हालात पर बातचीत हुई।
टॉप लेवल कमेटी ने पश्चिम एशिया में हाल के घटनाक्रमों को चिंताजनक बताया। साथ ही, समिति ने बढ़ते संकट से उत्पन्न होने वाले विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।
पश्चिम एशिया की स्थिति पर सेना की बारीकी से नजर
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल भी पश्चिम एशिया की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा परिदृश्य पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
सेना के सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, ‘पश्चिम एशिया समेत वैश्विक संघर्षों और उनके संभावित प्रभावों के संबंध में हमने कुछ मामूली प्रभाव देखे हैं।
घाटी में भी कुछ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। फिलहाल हमें ऐसा कोई संकेत नहीं दिखा है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि स्थिति चिंताजनक है। हालांकि, समय बीतने के साथ ये संघर्ष और भी तीव्र होते जा रहे हैं।’
इजरायल-लेबनान और ईरान के बीच तनाव, हमले जारी
दरअसल, ईरान की ओर से इजरायल पर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागने के बाद तनाव काफी बढ़ गया है। इजरायली सेना ने गुरुवार को कहा कि उसने लेबनान में हिजबुल्लाह के लगभग 200 ठिकानों पर हमला किया है, जिसमें हथियार भंडारण सुविधाएं व निगरानी चौकियां शामिल हैं।
इसने कहा कि हमलों में हिजबुल्लाह के 15 लड़ाके मारे गए। हिजबुल्लाह ने कहा कि जब इजरायली सेना लेबनान के सीमावर्ती गांव मारून अल-रास में घुसी तो उसके लड़ाकों ने सड़क किनारे बम विस्फोट किया, जिसमें कई सैनिक मारे गए और घायल हुए।
दोनों पक्षों के दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। इस बीच, इजरायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान के कस्बों और गांवों के लोगों से जगह खाली करने की चेतावनी दी।
यह क्षेत्र 2006 के युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित बफर जोन के उत्तर में स्थित है।जिस दिन जया कर्ज मुक्त हुईं, उनकी सोच बदल गई। उन्हें न केवल राहत मिली, बल्कि आगे बढ़ने का दृढ़ संकल्प भी मिला। जया ने तय किया कि अब समय आ गया है कि वह अपने घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर काम पर लग जाएं।
खस्ता मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में फैक्ट्री की नौकरी के पहले दिन उसके हाथ-पैर कांप रहे थे। मशीनरी और निर्माण प्रक्रिया डराने वाली थी, लेकिन जया ने पहले भी कई चुनौतियों का सामना किया था। धीरे-धीरे, मुस्कुराते हुए, सौम्य सहकर्मियों की मदद से, जया ने अपनी नई भूमिका को अपनाया।
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