यशस्वी जायसवाल इस वक्त गजब के फार्म में चल रहे हैं। जब भी वे बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं तो खूब रन उनके बल्ले से आ रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे ही टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने अर्धशतक लगाए। ये 50 से ज्यादा रनों की पारी काफी तेज आई थी। अपने छोटे से टेस्ट करियर में यशस्वी जायसवाल ने पहली बार टेस्ट की दोनों पारियों में 50 से ज्यादा रन बनाए हैं। लेकिन अब यशस्वी जायसवाल एक ऐसा कीर्तिमान बना सकते हैं, जो इस वक्त सचिन तेंदुलकर के नाम है। हालांकि अभी जायसवाल उससे काफी पीछे हैं, लेकिन फिर भी उनके पास इस हासिल करने का शानदार और बेहतरीन मौका है।
14 टेस्ट में 1562 रन, कोई और नहीं कर पाया पार
दरअसल भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में एक साल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज की अगर बात की जाए तो वो सचिन तेंदुलकर हैं। उन्होंने साल 2010 में 14 टेस्ट मैच खेलकर भारत के लिए 1562 रन बनाए थे। इसके पहले और इसके बाद अभी तक कभी ऐसा नहीं हुआ है। कुछ बल्लेबाज उनके करीब तक तो पहुंचे, लेकिन इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाए। लेकिन अब यशस्वी जायसवाल के लिए मौका है। वे वैसे तो अभी काफी दूर हैं, लेकिन उनके पास अभी वक्त और मैच भी काफी बचे हुए हैं।
क्या जायसवाल तोड़ पाएंगे सचिन तेंदुलकर का ऐतिहासिक रिकॉर्ड?
यशस्वी जायसवाल ने इस साल यानी 2024 में 9 टेस्ट मैच खेलकर 929 रन बना लिए हैं। यानी उन्हें सचिन तेंदुलकर का रिकार्ड तोड़ने के लिए यहां से 634 रन और बनाने होंगे। वैसे तो 500 से ज्यादा रन काफी होते हैं, लेकिन जायसवाल के पास मैच भी काफी बचे हुए हैं। अभी भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जानी है। इसके लिए अभी टीम इंडिया का ऐलान तो नहीं किया गया है, लेकिन करीब करीब पक्का है कि वे इस सीरीज में खेलेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ने का मौका
न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के बाद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाएंगी। ये सीरीज साल के आखिर में होनी है। सीरीज के दौरान पांच टेस्ट मैच खेले जाएंगे, लेकिन इसमें से चार मैच इसी साल यानी 2024 में होंगे। इस तरह से देखा जाए तो यशस्वी जायसवाल के पास इस साल अभी सात मैच बचे हुए हैं। जो खिलाड़ी 8 मैचों में 900 से ज्यादा रन बना चुका हो, उससे उम्मीद की जा सकती है कि वो बचे हुए 7 मैचों में करीब 600 रन तो बना ही देगा। लेकिन इसके लिए जरूरत होगी दो से तीन शतकों की या फिर एक बड़ी डबल सेंचुरी की। इसके बाद अगर कुछ छोटी छोटी पारियां भी आईं तो भी काम चल जाएगा। देखना होगा कि सचिन का ये रिकॉर्ड टूटता है या फिर आगे भी अटूट ही बना रहता है।