बिलासपुर । उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री अरूण साव ने आज नगर की तकनीकी शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में आयोजित स्वच्छता ही सेवा अभियान के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। अभियान के अंतर्गत बेहतरीन काम करने वाले एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि श्री साव ने कहा कि स्वच्छता हमारे लिए कोई नई चीज नहीं है। आदि काल से यह हमारी संस्कार और आदत में शामिल रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय विधायक सुशांत शुक्ला ने की।
मुख्य अतिथि की आसंदी से उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से एक दशक पहले स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया। उस समय बहुत लोगों के मन में आया कि यह क्या नया चीज है। उस समय अभियान को लेकर कई लोगों के मन में आशंका थी। लेकिन लोग बाग इतने दिनों में इसकी महत्ता समझ चुके है। सबको साफ-सुथरा रहना पसंद आने लगा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता आदि काल से हमारी संस्कृति का अटूट हिस्सा रही है। गांव में जब कोई मेहमान आते हैं, तो उन्हें घर प्रवेश करने के पहले बाल्टी अथवा लोटा में पानी देते है। हाथ-पैर धोने के बाद ही वे घर के अंदर आते थे। इसके बाद ही चाय-पानी परोसी जाती थी। रसोई घर में बिना साफ-सफाई के घुसते भी नहीं। श्री साव ने कहा कि हम कितने भी महंगे कपड़े पहन लें, यदि वह साफ-सुथरा नहीं है तो उसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपने घर के भीतर तो साफ-सफाई रखते हैं, लेकिन आस-पास की स्वच्छता को भूल जाते हैं। इसकी चिंता नहीं करते। घर जैसे आस-पास, गांव, मोहल्ला और शहर की सफाई को भी ध्यान देना है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता हमारे धर्म का हिस्सा है। कहा भी गया है कि स्वच्छता परमो धर्म: हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर, साहित्यकार प्रेमचंद, महादेवी वर्मा जैसे विभूतियों ने भी स्वच्छता को अपने जीवन में सर्वोपरि माना है। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य टीएस चावला ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का आयोजन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक कॉलेज, आदर्श आईटीआई, और शासकीय कृषि महाविद्यालय की ओर से किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर अवनीश शरण, नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, निगम में नेता प्रतिपक्ष राजेश सिंह, रामदेव कुमावत सहित बड़ी संख्या में कॉलेज के विद्यार्थी, शिक्षक, स्वयं सेवक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सनातन काल से ही स्वच्छता हमारे संस्कार और स्वभाव में शामिल रही है- अरूण साव
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