रायपुर
जब से छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने कमल सोनी के नेतृत्व में काम संभाला है लगातार कारोबारियों के हित में मांग उठायी जा रही है। अब एक और बड़ा कैम्पेन वे शुरू कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने देशभर में सोने की कीमतों को एकसमान करने के लिए एक देश, एक सोने का भाव' (वन नेशन, वन गोल्ड रेट) नीति को लागू करने की मांग की है। इस पहल का उद्देश्य सोने की कीमतों में राज्यों के बीच हो रहे भेदभाव को खत्म करना है। वर्तमान में राज्य दर राज्य सोने की कीमतों में भिन्नता देखी जाती है, जो परिवहन लागत, मांग और आपूर्ति में अंतर और कर ढांचे के चलते उत्पन्न होती है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन राष्ट्रीय आभूषण संगठनों के साथ मिलकर इस मांग को केंद्र सरकार के सामने रखने की योजना बना रहा है, विशेषकर वित्त मंत्रालय के समक्ष। सोनी ने बताया, हम राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर एकसमान सोने की कीमत की नीति को लागू करने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और यह उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। 'एक देश, एक सोने का भाव नीति से सोने की कीमतों में लंबे समय से चली आ रही असमानताओं को दूर किया जा सकेगा। भारत में सोने की कीमतें वैश्विक मुद्रा विनिमय दरों, आयात शुल्क और स्थानीय बाजार के कारकों से प्रभावित होती हैं। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोने और चांदी पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया था, जिसे उद्योग जगत ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।
हालांकि, अभी भी सोने की तस्करी और विभिन्न क्षेत्रों में मूल्य असमानता की चुनौतियां बनी हुई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष आयात किए जाने वाले लगभग 950 टन सोने में से लगभग 100 टन सोने की तस्करी होती है। कमल सोनी ने आशा व्यक्त की कि 'एक देश, एक सोने का भाव' नीति सोने के बाजार में स्थिरता लाने और सभी हितधारकों के लिए समान अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि, चाहे सोने की कीमतें कितनी ही अस्थिर क्यों न हों, उपभोक्ता मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। इस नीति से न केवल उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि व्यापारियों को भी विभिन्न क्षेत्रों में कीमत प्रतिस्पर्धा से बचने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरार्फा एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साई और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी से मुलाकात कर इस मांग को केंद्र के समक्ष रखेगा।