सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए स्पेसएक्स विमान पहुंच चुका है।
इसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर खड़ा भी किया जा चुका है। स्पेसएक्स क्रू9 मिशन के दोनों एस्ट्रोनॉट्स निक हेग और एलेक्जेंडर गोर्बूनॉव का वहां पर ग्रैंड वेलकम हो चुका है।
यह सब सफलतापूर्वक होने के बावजूद सुनीता विलियम्स को तत्काल वापस क्यों नहीं लाया जा रहा है? जब स्पेसयान वहां पर पहुंच चुका है तो फिर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी को फरवरी 2025 तक के लिए क्यों टाला जा रहा है? यह एक बड़ा सवाल है जो तमाम लोगों के जेहन में चल रहा है।
असल में इसके पीछे कई वजहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं…
क्रू रोटेशन
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर क्रू रोटेशन काफी अहम है। नासा ने इसे बहुत ही सावधानी के साथ प्लान किया है। ऐसे में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की तत्काल वापसी इस रोटेशन पर असर डालेगी।
इससे आईएसएस के शिड्यूल पर असर पड़ेगा और वहां स्टाफ की कमी हो सकती है। नासा चाहता है वापस आने से पहले वह मेंटेनेंस से जुड़ी अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से पूरा कर लें।
मिशन में बाधा
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर फिलहाल आईएसएस पर कई तरह के वैज्ञानिक प्रयोगों में लगे हैं। वह तमाम रिसर्च प्रोजेक्ट्स को भी अंजाम दे रहे हैं।
इसके लिए दोनों का चयन उनके अनुभव और विशेषज्ञता को देखते हुए किया गया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लंबे समय तक रहने का उनका अनुभव भी अहम फैक्टर है। अगर वो तत्काल वहां से हटते हैं इससे मिशन में बाधा पहुंचेगी।
तैयारी में लगने वाला समय
आईएसएस से धरती के लिए वापस आने से पहले एस्ट्रोनॉट्स को तमाम तरह की तैयारियां करनी पड़ती हैं। अंतरिक्ष और धरती के माहौल में बहुत ज्यादा अंतर है।
ऐसे में उन्हें इस बात के लिए तैयार होना पड़ता है कि वापस धरती पर आने के बाद उनका शरीर कैसे रिस्पांस करेगा। इन तमाम चीजों से आसानी से पार पाने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को वापसी से पहले लंबी तैयारी करनी होती है।
सुरक्षा का पहलू
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी में सबसे बड़ी समस्या सुरक्षा ही बनी थी। ऐसे में नासा जल्दबाजी में कदम उठाकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगा।
दोनों की सकुशल वापसी हो, इसके लिए लंबी तैयारी की जरूरत है। यह देखते हुए कि अंतरिक्ष मिशन काफी अनएक्सपेक्टेड होते हैं। नासा पूरी प्लानिंग के साथ इस काम को अंजाम देना चाहता है।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर प्रवास बढ़ने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को कई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
सुनीता विलियम्स आईएसएस की कमान संभाले हुए हैं। वह इस तरह के अनिश्चित हालात का सामना करने की अपनी क्षमता को बखूबी दिखा रही हैं।
इस मिशन में आने वाली चुनौतियों ने इसे काफी कॉम्पलेक्स बना दिया है। माना जा रहा है कि सुनीता विलियम्स के वहां रहने के दौरान कई अहम प्रोजेक्ट्स को अंजाम देंगी।
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