शहर के बीच स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने मिथिला धाम गणेश मंदिर में एक अनोखी परंपरा का पालन हो रहा है. यहां श्रद्धालु कागज पर अपनी मनोकामनाएं लिखकर उन्हें लाल कपड़े में नारियल के साथ बांधकर भगवान गणेश के चरणों में अर्पित करते हैं. यह परंपरा पिछले 27 वर्षों से चली आ रही है, जहां भक्तगण भगवान गणेश से पत्र व्यवहार के माध्यम से अपने जीवन की समस्याओं और इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं.
पत्र लिखकर रखते हैं मनोकामनाएं मंदिर के पुजारी हरि शरण ने बताया कि 1976 में इस मंदिर में गणेश जी की स्थापना की गई थी और इसके बाद से यहां श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास बढ़ता गया. 1988 में मंदिर का विस्तार हुआ और इसी समय से भक्तों ने पत्र के माध्यम से भगवान से अपनी इच्छाओं की पूर्ति मांगनी शुरू की. भक्त हर बुधवार और चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को पत्र लिखकर अपनी मनोकामना अर्पित करते हैं.
लाल कपड़े में पत्र बांधकर मानते है मनोकामना
भगवान गणेश के चरणों में अर्जी लगाने की परंपरा श्रद्धालु अपने पत्र में नौकरी, शादी, संतान, पारिवारिक शांति और अन्य सफलताओं के लिए प्रार्थना करते हैं. वे लाल कपड़े में श्रीफल और पत्र को बांधकर भगवान को अर्पित करते हैं. जब मनोकामना पूर्ण होती है, तो श्रद्धालु नारियल और अन्य चीजें भगवान के मंदिर में चढ़ाते हैं. इस विशेष परंपरा ने श्रद्धालुओं की आस्था को और भी मजबूत किया है.