Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    News India 360
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    News India 360
    धर्म

    महाभारत : कौन थीं युधिष्ठिर की पत्नी, क्यों साथ नहीं गईं वनवास…क्यों कहीं जाती हैं रहस्यमयी

    By September 11, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    महाभारत : कौन थीं युधिष्ठिर की पत्नी, क्यों साथ नहीं गईं वनवास…क्यों कहीं जाती हैं रहस्यमयी
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    क्या आपको मालूम है कि पांडव भाइयों में प्रमुख युधिष्ठिर की पत्नी कौन थीं. पूरी महाभारत कथा में उनके बारे में बहुत कम मिलता है. हालांकि द्रौपदी को भी उनकी पत्नी कहा जाता है लेकिन वह तो सभी पांचों भाइयों की संयुक्त पत्नी थीं. युधिष्ठिर ने शादी की थी. उनकी द्रौपदी के अलावा एक ही पत्नी थीं. जिससे उन्हें एक बेटा भी था. हालांकि उन्हें महाभारत की सबसे रहस्यमय महिलाओं में माना जाता था.

    धर्माचार्य युधिष्ठिर की पत्नी का नाम देविका था. वह एक क्षत्रिय राजकुमारी थी, जिसका विवाह पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर से हुआ था. हालांकि महाभारत में उनकी भूमिका को लेकर काफी बहस की जाती है लेकिन सही बात यही है कि उनकी भूमिका इसमें स्पष्ट नहीं है. वह वनवास में युधिष्ठिर के साथ नहीं गईं थीं. वनवास से पूर्व ही उनका विवाह युधिष्ठिर के साथ हो चुका था. लेकिन उनका विवाह द्रौपदी के बाद हुआ था.

    तब युधिष्ठिर ने कहा – वह अविवाहित हैं
    जब अर्जुन स्वयंवर नीचे पानी में प्रतिबिंब देखकर ऊपर घूमती हुई मछली की आंख में निशाना लगाते हैं तो द्रौपदी उन्हें वर लेती हैं. तब जब राजा द्रुपद से युधिष्ठर का परिचय कराया जाता है तो वह यही कहते हैं कि वह अभी अविवाहित हैं.

    कब हुआ युधिष्ठिर का विवाह
    देविका और युधिष्ठिर के बीच विवाह तो हुआ लेकिन ये कब हुआ, ये साफ नहीं है. कुछ स्रोतों का दावा है कि वह उनके युवराज के रूप में राज्याभिषेक के बाद उनकी पत्नी बनीं. जबकि कुछ सुझाव ये हैं कि उनका युधिष्ठिर से विवाह कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद हुआ. महाकाव्य की प्रमुख घटनाओं में उनकी उपस्थिति का उल्लेख नहीं है.

    वनवास में क्यों नहीं गईं साथ
    वैसे आमतौर पर कहा जाता है कि जब पांडवों को 14 साल का वनवास हुआ तो युधिष्ठिर का विवाह हो चुका था. देविका को युधिष्ठिर ने मां कुंती के पास ही छोड़ दिया था. वह वनवास के दौरान उनके साथ ही रहीं.

    क्या था दोनों के पुत्र का नाम
    देविका का युधिष्ठिर से यौधेय नाम का एक पुत्र था. जिसने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लिया और मारा गया. क्योंकि महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों के कोई पुत्र जीवित नहीं बचा था. बस उत्तरा के गर्भ में परीक्षित पल रहे थे. जिन्हें बाद में युधिष्ठिर ने 36 बरसों तक राजपाट करने के बाद शासन सौंप दिया था. फिर वह हिमालय की ओर अपने भाइयों और पत्नियों के साथ अंतिम यात्रा पर निकल गए थे. हालांकि विष्णु पुराण में युधिष्ठिर के पुत्र का नाम देवक और माता का नाम यौधेयी बताया गया है.

    किस वंश से ताल्लुक रखती थीं
    देविका का उल्लेख महाभारत में मिलता है. वह महान राजा, गोवासेन, सिवी साम्राज्य के शासक की बेटी थी. युधिष्ठिर की पत्नी थी. देविका एक बहुत ही पवित्र महिला थीं. महाकाव्य महाभारत में महिलाओं के बीच उनका उल्लेख ” रत्न ” के रूप में किया गया. लेकिन चूंकि उनका बहुत उल्लेख महाभारत में नहीं हुआ लिहाजा उन्हें रहस्यमयी मान लिया गया.

    कैसे थे देविका और द्रौपदी के रिश्ते
    वह हस्तिनापुर और इंद्रप्रस्थ में युधिष्ठिर के साथ रहती थीं.युधिष्ठिर ने उसके साथ बहुत दयालुता से व्यवहार किया. द्रौपदी के समान उस पर बहुत प्यार और स्नेह बरसाया. देविका को भगवान यम धर्म महाराज की पत्नी माता उर्मिला का अवतार माना जाता है. वह माता कुंती और द्रौपदी के साथ अच्छी तरह रहती थीं. सभी के साथ स्नेह से पेश आती थी. अर्जुन, भीम, नहुला और सहदेव ने उन्हें अपनी मां की तरह माना. उनका बहुत सम्मान किया.

    देविका भगवान कृष्ण की एक सच्ची भक्त थीं. जब भी कोई समस्या आती थी तो वह भगवान कृष्ण से प्रार्थना करती थीं. कलियुग की शुरुआत में उत्तर भारत के लोग माता देविका और द्रौपदी को अपने इष्ट देवता के रूप में पूजते थे. समय के साथ लोग देविका के महान चरित्र को भूलने लगे.

    ग्रंथों में देविका और द्रौपदी के बीच अच्छे संबंध बताए गए हैं. दोनों महिलाएँ एक-दूसरे का सम्मान करती थीं. हालांकि ये बात सही है कि द्रौपदी की शर्त थी कि जब भी वह पांडवों में किसी के साथ रहेगा, तब उनकी पत्नियों में उनके मिलाप में कतई आड़े नहीं आएंगी. वो समय पूरी तरह उनका अपना होगा.

    स्वर्गारोहण में युधिष्ठिर के साथ गईं
    कहा जाता है कि 36 सालों के शासनकाल के बाद जब युधिष्ठिर अपने भाइयों के साथ स्वर्गारोहण के लिए हिमालय के मेरू पर्वत की ओर जाते हैं तो सभी भाइयों की सभी पत्नियां भी साथ होती हैं हालांकि यहां देविका कोई जिक्र नहीं आता. इसलिए दोनों तरह की बातें कही जाती हैं कि वह इस स्वर्गारोहण में शुरू में गिरकर मृत्युलोक चली गईं. ये भी कहा जाता है वह इस यात्रा में नहीं थीं बल्कि उनकी मृत्यु बाद में हुई

    Related Posts

    आज का राशिफल 9 जून 2025

    June 9, 2025

    आज का राशिफल 7 जून 2025

    June 7, 2025

    आज का राशिफल 6 जून 2025

    June 6, 2025

    आज का राशिफल 4 जून 2025

    June 4, 2025

    आज का राशिफल 3 जून 2025

    June 3, 2025

    आज का राशिफल 2 जून 2025

    June 2, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    अन्य ख़बरें

    दूरस्थ अंचलों तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

    August 10, 2025

    छत्तीसगढ़ के 141879 किसानों को 152.84 करोड़ रुपये का दावा भुगतान

    August 10, 2025

    महासमुंद की दिव्या रंगारी राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षण शिविर में शामिल

    August 10, 2025

    नक्सलवाद के खात्मे के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

    August 10, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी.

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Chhamesh Ram Sahu
    मोबाइल - 9131052524
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Swami Vivekanand Ward - Ward No.30 , Jagdalpur - 494001
    September 2025
    M T W T F S S
    1234567
    891011121314
    15161718192021
    22232425262728
    2930  
    « Aug    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.