नारायणपुर
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मुठभेड़ में भारी क्षति के बाद बौखलाए नक्सलियों ने नारायणपुर में आईइईडी ब्लास्ट किया है। नक्सलियों ने ओरछा बाजार के पास ग्रामीणों में भय फैलाने के लिए एक आइईडी (इंप्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट किया है। विस्फोट के समय आसपास कोई भी सुरक्षा बल का जवान नहीं था। बाजार में खड़ी एक पिकअप को सामान्य क्षति आई है। किसी ग्रामीण या जवान को कोई भी क्षति नहीं हुई है।
चार घंटे की मुठभेड़ में नौ नक्सली ढेर
इससे पहले सुरक्षा बल के जवानों ने मंगलवार सुबह लगभग चार घंटे तक चली मुठभेड़ में नौ नक्सलियों को मार गिराया है। इनमें से छह नक्सली महिलाएं हैं। यह मुठभेड़ जगदलपुर से 140 किमी दूर दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के सीमा क्षेत्र में स्थित पुरंगेल गांव के पास जंगल में हुई।
घटनास्थल से नक्सलियों के शवों के साथ स्वचालित हथियार, एक 303 राइफल, एक 315 बोर बंदूक, 12 व 315 बोर राइफल, बीजीएल (बैरेल ग्रेनेड लांचर) सहित भारी मात्रा में विस्फोटक मिले हैं। मारे गए सभी नक्सलियों के पीएलजीए (पीपुल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर-दो के सदस्य होने की पुष्टि की गई है।
बस्तर में सुरक्षा बल ने इस वर्ष मुठभेड़ में 152 नक्सली ढेर कर दिए हैं। इसमें पिछले तीन माह से जारी आपरेशन मानसून में मारे गए नक्सलियों की संख्या 35 है। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि बैलाडीला पहाड़ी की तलहटी में पश्चिम बस्तर डिवीजन के 30-35 नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी।
इस पर रणनीति के तहत लोहागांव की तरफ से डीआरजी(डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), बस्तर फाइटर, सीआरपीएफ यंग प्लाटून, सीआरपीएफ 111वीं बटालियन की अलग-अलग टुकड़ियों को नक्सल विरोधी अभियान पर भेजा गया था।
पुरंगेल के जंगल में मंगलवार सुबह 10.30 बजे नक्सलियों ने सुरक्षा बल के जवानों को आता देख गोलीबारी शुरू कर दी। लगभग चार घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बल को भारी पड़ता देखकर नक्सली भाग खड़े हुए। सर्चिंग के दौरान मारे गए नौ नक्सलियों के शव बरामद किए गए। इनमें छह शव महिला नक्सलियों के हैं।
बस्तर पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि सुरक्षा बलों की पकड़ अंदरूनी क्षेत्रों में मजबूत हुई है। इससे लगातार नक्सल विरोधी अभियान में सफलता मिल रही है। जवानों का मनोबल बढ़ा हुआ है। अभी अभियान और भी तेज होंगे। नक्सलियों से अपील है कि हथियारव हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ें और बस्तर के विकास में विरोधी नहीं सहभागी बनें।