Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    News India 360
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    News India 360
    देश

    मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?…

    By August 30, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?…
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    विपक्ष लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है।

    अब एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने भी विपक्ष के साथ सुर मिला दिया है। जेडीयू ने भी कहा है कि जाति आधारित जनगणना को संसदीय समिति में चर्चा के लिए शामिल किया जाए।

    आजादी के बाद से भारत सरकार ने कभी जातिगत जनगणना नहीं करवाई। हालांकि यूपीए सरकार ने जनगणना के वक्त जातियों का आंकड़ा इकट्ठा जरूर करवाया था लेकिन इसे आज तक सार्वजनिक नहीं किया जा सका।

    सरकार ने क्यों करवाया सोशियो-इकोनॉमिक कास्ट सेंसस (SECC)?

    यूपीए 2 के दौरान जब सरकार ने गरीबों के लिए अपनी योजनााओं का विस्तार करना चाहा तो गरीबी के स्तर का पता लगाने के लिए उसने शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस कराने का फैसला लिया।

    इसमें कुछ नियम तय किए गए थे जिनके तहत कुछ वर्गों को ऑटोमैटिक ही गरीबों की सूची में शामिल किया जाना था। अगर किसी परिवार के पास कार, तीन कमरों वाला पक्का मकान था तो उसे सीधे गरीबी रेखा से हटा दिया गया था।

    वहीं सिंगल मदर और मैला ढोने वालों को गरीबी रेखा के नीचे की सूची में रखा जाना था। इसका मुख्य उद्देश्य परिवारों का सामाजिक-आर्थिक स्तर पर निर्धारण था। वहीं आर्थिकि और सामाजिक स्थिति के आधार पर उसकी जाति का भी पता लगाना था।

    2011 की जनगणना में कैसे केंद्र सरकार ने जाति को शामिल किया?

    27 मई 2010 की बैठक में कांग्रेस आलाकमान ने तय किया कि 2011 की जनगणना के साथ ही जाति के आधार पर आंकड़े भी इकट्ठा करवाए जाए।

    इससे सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर तथ्यात्मक जानकारी सामने आ जाएगी। हालांकि इस जनगणना में केवल गिनती ही की जानी थी।

    जाति के आधार पर किसी के सामाजिक और आर्थिक स्तर की जानकारी बताने पर पहले ही सहमति नहीं बनी थी। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अगुआई में कुछ मंत्रियों को यह काम सौंप दिया।

    जब जनगणना का काम शुरू हो चुका था तब यह फैसला लिया गया। सरकार ने 2011 की जनगणना के लिए 2200 करोड़ रुपये का आवंटन किया था।

    एनसी सक्सेना के अगुआई वाले ग्रुप ने प्रस्ताव रखा कि कुछ वर्गों को ऑटोमैटिक बीपीएल में रखा जाए और कुछ को बाहर कर दिया जाए।

    भूमि, वाहन, खेती के उपकरणों और इनकम टैक्स के आधार पर यह तय किया जाना था। वहीं आदिवासियों, महादलितों, सिंगल महिला, दिव्यांगों और बेघरों को ऑटोमैटिक बीपीएल श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया।

    इसके अलावा अन्य लोगों को जाति, समुदाय, धर्म, काम, शिक्षा और घर के मुखिया की उम्र के आधार पर आंका जाना थआ।

    आलोचकों का कहना था कि एनसी सक्सेना का यह प्रस्ताव असल गरीबों की पहचान करने में कारगर नहीं होगा। इससे एससी और एसटी में गरीबों की पहचान नहीं हो पाएगी।

    वहीं धोबी, कुम्हार, नाई, स्वीपर, सफाईकर्मचारी, बुनकरों को इस सेंसस में केवल दो पॉइंट मिलेंगे। ऐसे में तय किया गया कि एससी और एसटी की गणना अलग की जाएगी।

    2011 की जनगणना में ग्रामीण विकास मंत्रालय के जिम्मे थी। वहीं शहरी क्षेत्रों की जनगणना शहरी विकास मंत्रालय को सौंपी गई थी।

    जातिगत जनगणना का काम गृह मंत्रालय, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और सेंसस कमिश्नर को सौंपा गया था। सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस का डेटा मंत्रालयों को जारी करना था।

    हालांकि जातिगत गणना के आंकड़े जारी करने पर रोक लगा दी गई। कुछ अधिकारियों के मुताबिक लोगों का जाति बताने का तरीका अलग-अलग था।

    कुछ लोग उपजाति बताते थे तो कुछ लोग समुदाय के आधार पर जाति बताते थे। इसके बाद 2022 में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने ससंद में बताया था कि फिलहाल जाति आधारित आंकड़ा जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

    वहीं एनडीए सरकार ने अरविंद पानगड़िया की अध्यक्षता में जनगणना से जातिगत आंकड़ा अलग करने के लिए एक कमेटी बनाई ती। हालांकि अब तक यह आंकड़ा जारी नहीं हो सका।

    The post मनमोहन सरकार में भी हुई थी ‘जाति आधारित जनगणना’, फिर क्यों नहीं जारी किए गए आंकड़े?… appeared first on .

    Related Posts

    कुम्भ हादसे पर योगी आदित्यनाथ का बयान: खुद को ‘दुनिया का सबसे बड़ा मूर्ख मुख्यमंत्री’ कहा, कल देने जा रहे CM पद से इस्तीफा

    February 4, 2025

    अश्विनी वैष्णव ने बताया, भारत में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग का क्षेत्र तेजी से बढ़ा

    February 4, 2025

    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषित की 2025-26 के लिए सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तारीख

    February 4, 2025

    बेंगलुरु में टैक्स चोरी के आरोप में 30 लग्जरी कारें जब्त, फेरारी, बीएमडब्ल्यू, रेंज रोवर शामिल

    February 4, 2025

    सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को दी फटकार, हिरासत केंद्रों में बंद लोगों पर कार्रवाई करने को कहा

    February 4, 2025

    सुरक्षा बलों ने जब्त किया भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद, नौ उग्रवादी गिरफ्तार

    February 4, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    अन्य ख़बरें

    दूरस्थ अंचलों तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

    August 10, 2025

    छत्तीसगढ़ के 141879 किसानों को 152.84 करोड़ रुपये का दावा भुगतान

    August 10, 2025

    महासमुंद की दिव्या रंगारी राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षण शिविर में शामिल

    August 10, 2025

    नक्सलवाद के खात्मे के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

    August 10, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी.

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Chhamesh Ram Sahu
    मोबाइल - 9131052524
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Swami Vivekanand Ward - Ward No.30 , Jagdalpur - 494001
    September 2025
    M T W T F S S
    1234567
    891011121314
    15161718192021
    22232425262728
    2930  
    « Aug    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.