भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपने करियर को अलविदा कहने का मन बना लिया है। श्रीजेश ने कहा है कि पेरिस ओलंपिक-2024 उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट है और इसके बाद वह हॉकी को अलविदा कह देंगे।
श्रीजेश के आखिरी टूर्नामेंट को यादगार बनाने के लिए एक स्पेशल कैम्पेन भी शुरू हो गया है। इस कैम्पेन को नाम दिया गया है 'Win it for Sreejesh'। श्रीजेश टोक्यो ओलंपिक-2020 में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। टोक्यो में भारतीय हॉकी टीम ने चार दशक बाद ओलंपिक पदक जीता था और इसमें श्रीजेश का बहुत बड़ा योगदान था। श्रीजेश ने आखिरी छह सेकेंड में पेनल्टी का बचाव किया था और भारत का पदक पक्का किया था।
ऐसा रहा करियर
श्रीजेश ने अपने करियर में कुल 328 इंटरनेशनल मैच खेले। इस दौरान उन्होंने तीन ओलंपिक खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स, वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया। पेरिस ओलंपिक श्रीजेश का चौथा ओलंपिक होगा। उन्होंने साल 2010 में खेले गए वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। श्रीजेश भारत की कई यादगार जीतों का हिस्सा रहे जिसमें 2014 एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतना, 2018 एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल, टोक्यो ओलंपिक-2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीत, जैसी जीतें शामिल रहीं।
श्रीजेश को साल 2021 में खेल की दुनिया के सबसे बड़े सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। साल 2021 में ही उन्हें वर्ल्ड गेम्ल एथलीट ऑफ द ईयर चुना गया था। वह इस अवॉर्ड को जीतने वाले दूसरे भारतीय थे। साल 2021-2022 में उन्हें लगाकार दो बार एफआईएच गोलकीपर ऑफ द ईयर चुना गया था।
श्रीजेश ने क्या कहा?
श्रीजेश ने अपने संन्यास के एलान के बाद कहा, "पेरिस में अपने आखिरी टूर्नामेंट के लिए मैं तैयार हूं तो मैं अपने करियर को लेकर काफी गर्व महसूस करता हूं और आगे उम्मीद के साथ देखता हूं। ये सफर काफी शानदार रहा है। मेरे परिवार, मेरे साथी, मेरे कोच, फैंस और हॉकी इंडिया ने मेरा जो साथ दिया उसका मैं शुक्रगुजार हूं। मुझ पर विश्वास करने के लिए शुक्रिया।"
बदलेगा मेडल का रंग
श्रीजेश की कोशिश होगी कि टीम इंडिया ने जो सिलसिला पिछले ओलंपिक खेलों में शुरू किया था वो जारी रहे और इस बार मेडल का रंग भी बदले। श्रीजेश निश्चित तौर पर ओलंपिक गोल्ड पर नजरें जमाए बैठे होंगे और इसके लिए अपना सबकुछ झोंकने को तैयार होंगे।